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शनिवार, 7 जुलाई 2012

चलो ना !

 
चलो ना !
कुछ भी बात करते हैं
ऐसे चुप से तो फांसले बढ़ते हैं....

बस यूँ ही...
कुछ भी,
कुछ भी, बात करते हैं....

1 टिप्पणी:

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बात करने से बात बढ़ती है...यूँ ही बातें किया करो हमसे.....
एक गज़ल याद आई...

सुन्दर रचना...

अनु