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शनिवार, 25 मई 2013

प्रेम और प्रेम

पेंटिंग - हेस्साम अब्रिशामी
(Hessam Abrishami is an Iranian artist who lives in California, United States. Hessam’s works are greatly influenced by his dramatic life experiences and the warm acceptance he has received from the world at large.)

प्रेम किसी एक व्यक्ति से हमारे संबंधों का नाम नहीं है यह दृष्टिकोण है, एक चारित्रिक रुझान है। जो किसी व्यक्ति के साथ-साथ पूरी दुनिया से हमारे संबंधों को अभिव्यक्त करता है। वह केवल एक लक्ष्य और उसके साथ के संबंधों का नाम नहीं है। अगर एक व्यक्ति केवल दूसरे एक व्यक्ति से प्रेम करता है और अन्य सभी व्यक्तियों में उसकी रुचि नहीं है, तो उसका प्रेम, प्रेम न होकर उसके अहं का विस्तार मात्र है। फिर भी ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि प्रेम एक 'लक्ष्य'  है न कि एक 'क्षमता'
वे समझते हैं कि भूल भी करते हैं कि यदि वे केवल अपने 'प्रेमी' या 'प्रेमिका' से ही प्रेम करते हैं, तो यह उनके प्रेम की गहराई का प्रतीक है। इसका मतलब है कि वे प्रेम को एक गतिविधि के रूप में, 'आत्मा की एक शक्ति' के रूप में नहीं देखते।
उन्हें लगता है कि एक 'प्रेमी' या 'प्रेमिका' होने का अर्थ है 'प्रेम' को पा लेना। यह बिलकुल वैसी ही बात है, जैसे कोई व्यक्ति चित्रकारी करना चाहता है और समझे कि उसे केवल एक प्रेरक विषय की जरूरत है, जिसके मिल जाने पर वह स्वत: ही बढ़िया चित्रकारी कर लेगा। अगर मैं किसी एक व्यक्ति से सचमुच प्रेम करता हूँ तो मैं सभी व्यक्तियों से प्रेम करता हूँ। किसी से 'मैं तुम्हें प्यार करने का सच्चा अर्थ' यह है कि 'मैं उसके माध्यम से पूरी दुनिया और पूरी जिंदगी से प्यार करता हूं।  |एरिक फ्रॉम|

एरकि फॉम
Erich Seligmann Fromm (March 23, 1900 – March 18, 1980) was a German social psychologistpsychoanalystsociologisthumanistic philosopher, and democratic socialist. He was associated with what became known as the Frankfurt School of critical theory.










 

1 टिप्पणी:

रीतू कलसी ने कहा…

यदि आप किसी से गहराई से प्रेम करते हो, तो धीरे-धीरे आत्‍मीयता इतनी हो जाती है कि देह से प्रेम की कोई आवश्‍यकता नहीं रहती