सुजेन केन
प्रोफाइल : लेखक बनने से पहले 7 साल जेपी मॅार्गन और जनरल इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियों की कंसल्टेंट थीं।
क्यों पढ़ें: इसे अब त· ३५ लाख से ज्यादा लोग विभिन्न वेबसाइट्स पर सुन चुके
हैं।
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इंट्रोवट्र्स शर्मीले नहीं होते। उनकी
अभिव्यक्ति का तरीका अलग होता है। मुझे लगता है हमारे स्कूल और दफ़तर एक्स्ट्रोवट्र्स
को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। गणित जैसे विषय, जहां हमें अकेले लडऩा होता है वहां भी ग्रुप असाइनमेंट दिए जाते हैं। मैं
आपको बता दूं कि एलिनोर रूजवेल्ट, महात्मा गांधी ने
स्वयं को शांत और शर्मीला बताया था। जिनके शरीर का हर अंग स्पॉटलाइट से दूर रहना
चाहता था। लेकिन उन्होंने इतिहास रचा। स्टीव वोजनिएक ने पहला एपल कंप्यूटर हैवलेट पैकर्ड में अकेले बैठकर बनाया था।
इसका अर्थ यह नहीं कि हम सारे
डार्विन की तरह जंगलों में घूमें। बुद्ध की तरह ख़ुद ही अपनी चीजें खोजिए। ये
देखें कि आपके सूटकेस में किताबें हो या कुछ और उन्हें बदलिए मत। इंट्रोवट्र्स आप
जैसे हैं उसी मैं आपकी ताकत है। दुनिया को आपकी जरूरत आपके नैसर्गिक रूप में है। स्रोत: वर्डप्रेस
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