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बुधवार, 5 सितंबर 2012

नि:शब्‍द

Painting : Vickie Wade (UK)
शिक्षक अपनी कक्षा में पढ़ा रहे थेउसी समय बाहर से ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने की आवाज़े आने लगीं। उत्सुक शिक्षक और विद्यार्थी कक्षा छोड़ कर बाहर आए, देखा कि विद्यालय के ही दो कर्मचारी तू-तू, मैं-मैं करते हुए ऊँची आवाज़ में झगड़ रहे हैं और उनके आसपास भीड़ जमा थी। किसी तरह बीच बचाव कर के विवाद समाप्त किया गया।
शिक्षक और उनके विद्यार्थी वापस अपनी कक्षा में पहुँचे, पर झगड़े का दृश्य
देख कर उन सबका मन ख़राब हो चूका था। एक विद्यार्थी ने पूछ ही लिया, "सर, वो दोनों इतनी ज़ोर-ज़ोर से क्यों चिल्ला रहे थे ? इतनी पास से तो धीमी आवाज़ भी सुनी जा सकती थी?
इस पर शिक्षक ने जवाब दिया, "जब किसी को किसी पर ज़ोर से क्रोध आता है, तो उन दोनों के दिलों के बीच की दूरियां बहुत बढ़ जाती हैं। जब दूरियां बढ़ जाती हैं तो ना कुछ दिखाई पड़ता है, ना सुनाई पड़ता है। यही कारण है कि लड़ने वाले चिल्ला-चिल्लाकर बात करते हैं। तुम लोगों ने देखा होगा कि जब दो व्यक्तियों में संबंध अच्छे रहते हैं तो वे धीरे-धीरे बात करते हैं और एक-दूसरे की बात इसलिए सुन पाते हैं क्योंकि उनके दिलों के बीच की दूरी बहुत कम होती है। कई बार तो कुछ कहने की भी ज़रूरत नहीं होतीआंखों-आंखों में ही बात हो जाती है। जब दिलों में दूरियां नहीं होंगी तो ना ईर्ष्या होगी और ना ही क्रोध..... फिर क्यों हम किसी पर चिल्लाएंगे...।

1 टिप्पणी:

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत सुन्दर बात......
दिलों के फासले ही तो चीखने पर मजबूर करते हैं...

सादर
अनु